पडोसी ने पंजाबी भाभी की चूत मारी

Panjabi Bhabhi ki Chudai– Hello all, मैं आपकी प्यारी भाभी कोमलप्रीत कौर, अपनी चिकनी चूत लेकर आपकी सेवा में फिर से आया हूँ। मेरे पति सैनिक हैं। मेरा कद लगभग 5 फुट 3 इंच है और मैं एक स्लिम बॉडी रखता हूँ. मेरे 34 साइज़ के गोल मटोल बूब्स हैं।

इन गोल मटोल खरबुजो के नीचे मेरी पतली कमर (27), एक दम नागिन जैसी बल खाती, 36 साइज़ के बड़े बड़े चुतड है, और मेरे काले घने लम्बे रेशमी बाल चूतड़ों पर लहराते हैं, जो लड़कों का दिल लुट के ले जाते हैं।

जब भी मैं गली से गुजरती हूँ, लड़के सिर्फ मेरे मटकते चूतड़ों और बूब्स को देखते रहते हैं। हर लड़का मेरे गुलाबी पतले होंठ चूसने को तरसता है। मैं भी चुदाई करने के लिए बहुत उत्सुक था, और मुझे भी एक बड़े लम्बे तगड़े लंड की बहुत जरूरत थी।

हमारे पड़ोस में एक लड़के को लगभग 18 से 19 वर्ष की उम्र में नई जवानी आई थी, लेकिन वह काफी स्वस्थ था। कॉलेज से बाहर आते ही वह छत पर चढ़ जाता और छुपकर मुझे देखता रहता। संजू नाम था।

वह जानबूझकर हमारे घर में बॉल फैंककर मुझे पकड़ने को कहता था और फिर खुद आ जाता था। मैं भी जानता था कि उसे भी एक लंड चाहिए था।

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Bhabhi Ki chudai– एक दिन घर पर अकेली थी. जब मैं किचन से बाहर आई तो अचानक संजू की बॉल हमारे घर में गिर गई. मुझे पता था कि संजू ने जानबूझकर बॉल फैंकी है और अब खुद बॉल लेने आएगा।

मैं भी बॉल को पकड़कर छुपा लिया। जब डोर बेल बजी, मैंने देखा कि संजू बाहर था। हमारे घर में पहुंचते ही भाभी ने कहा कि मेरी बॉल इधर आई है और उसे खोजने लगा।

मैंने बताया कि मैंने कोई बॉल नहीं देखा है।

नहीं, भाभी, मैं अभी आया हूँ।

मैंने डीप गले का कमीज़ पहना हुआ था, जो मेरे गोल मटोल बूब्स को आधे दिखाता था। संजू लगातार मेरे बूब्स पर ध्यान देता था।

जब मैंने कहा कि आप ढूंढेंगे, तो वह इधर-उधर बॉल देखने लगा।

Punjaban ki Chudai– यद्यपि मैं उसके पास खड़ी रही, उसका पूरा ध्यान मेरे बूब्स पर था। मैंने संजू को जलवा दिखाने के लिए गले में रखी चुन्नी को उतार दिया और कहा कि मैं भी तुम्हारी बॉल खोजूँगा। संजू की आँखें अभी भी खुली थीं। हाँ, भाभी, उसने कहा। मैं कहीं नहीं मिल रहा हूँ।

मैं नीचे झुककर इधर-उधर देखने लगी, उसे और नजारे देने के लिए। हालाँकि, संजू को अब एक बॉल नहीं, बल्कि दो बॉल दिखाई दे रहे थे।

फिर मैंने कहा कि बॉल रूम में नहीं गई, मैं अंदर देखता हूँ। (यह कहते हुए मैं कमरे में चली गई, जहां मैंने बॉल छुपाई थी.))

और फिर संजू ने कहा कि तुम्हारी बॉल मिल गयी है। वह भी तुरंत कमरे में आकर पूछने लगा कि क्या कहा है। मैंने कहा कि यह रही, लेकिन मैं नहीं दूंगा।

संजू ने कहा कि भाभी, मुझे बॉल क्यों नहीं देंगे?

तो मैंने कहा कि आप जानबूझकर हर दिन हमारे घर बॉल फेंकते हैं।

नहीं, भाभी खेलने आती है।

मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “फिर भी मैं नहीं दूंगी; अगर तुम छीन सकते हो तो ले जाओ।”

संजू के मन में लड्डू फूट रहे थे और वह भी मुझे टच ही करना चाहता था. उसे पता था कि भाभी के हाथ बॉल की छिना झपटी में कहाँ लगेंगे।

ठीक है भाभी, संजू ने हंसते हुए कहा और मेरी तरफ लपका।

संजू भी जल्दी से बेड पर चढ़ गया।

बेड पर चढ़कर संजू ने फिर से पूछा, “भाभी, मुझे बॉल दे दो।”

अगर छीन सकते हो तो छीन लो, मैंने फिर से हंसते हुए कहा।

वह तुरंत मेरी ओर लपका और मेरा हाथ पकड़ लिया। और बॉल को छुड़ाने का प्रयास करने लगा। मैं भी जानता था कि यही समय है जब संजू के बदन से बदन रगड़ने का मजा लिया जा सकता है, इसलिए मैंने बॉल को कास कर पकड़ रखा था और अपने बूब्स को संजू के कंधे के साथ लगा दिए. संजू भी बॉल से ध्यान भंग करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया। उसके कंधे और बाजु के साथ मैं भी अपने बूब्स को रगड़ने लगा, अंजान बनी हुई।

फिर मैं खुद बेड पर लेट गया और संजू को भी अपने ऊपर डाल दिया। संजू को भी पहले कभी ऐसा मज़ा नहीं मिला था; वह पूरा मज़ा लेना चाहता था, लेकिन थोड़ा डर भी रहा था। उसने बॉल को मेरे हाथ से छीनकर मेरे ऊपर से उठाने की कोशिश की।

लेकिन मैंने दोनों हाथों से उसको धक्का दिया और कहा कि मैं बॉल लेकर तुमको भागने नहीं दूंगा। वह खुलकर हँसने लगी, संजू भी हंसने लगा, लेकिन वह अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा था। शायद वह मेरी भावनाओं को नहीं समझ पाया।

मैंने संजू को जोर से अपने ऊपर लिटाते हुए खिंचा, उसे अपने नीचे ले लिया और अपनी छाती उसके पेट पर रखकर उसके पेट पर अपनी टांग रख दी, फिर अंजान बनते हुए उससे बॉल छीनने का नाटक करने लगी।

संजू को भी मजा आ रहा था, इसलिए वह उठने की कोशिश नहीं की। हम दोनों एक दूसरे से बॉल छिनने की झूठी कोशिश कर रहे थे, लेकिन वास्तव में हम एक दूसरे के शरीर को रगड़ रहे थे।

मैं जानबूझकर संजू के लंड पर अपनी कोहनी रगड़ने दी क्योंकि मैंने देखा कि उसका लंड कठोर हो गया था। ठीक उसी समय मेरे बाल खुल गए और मैं संजू के चेहरे पर गिर पड़ा।

मैं कभी-कभी अपने गाल उसके चेहरे पर रगड़ देती और संजू ने सब कुछ मेरे ऊपर छोड़ दिया. मैं जो भी कर रही थी, वह मेरा पूरा साथ दे रहा था, लेकिन फिर भी सब एक नाटक की तरह चल रहा था।

ऐसा करने में हमें पंद्रह मिनट लग गए थे। संजू का लंड पेंट के बीच में से ही मेरे पेट को छूने लगा जैसे ही मैं उसके ऊपर हो गया।

अब मुझे रुकने की जरूरत नहीं थी; मैं जल्दी से संजू का लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी, जो संजू भी चाहता था।

अब मैंने नाटक करना छोड़ा और संजू के ऊपर लेट गया, अपनी चूत को उसके लंड पर टिका दिया, उसे कस के अपनी बाँहों में जकड़ लिया और अपने होठों को संजू के चेहरे और गर्दन पर फिरने लगा।

संजू भी मेरा साथ देने लगा। मैं संजू के लंड पर अपनी चूत रगड़ रहा था। फिर मैंने पेंट के ऊपर से संजू के लंड को एक हाथ से पकड़ लिया।

संजू थोड़ा हैरान होकर पूछा, भाभी, क्या कर रही हो?

मैंने उसे डाँटते हुए कहा, “अब चुप रहो”।

और वह चुप रह गया. फिर मैंने पेंट की हुक खोल दी और लंड की ज़िप भी खोल दी। संजू का अंडरवियर नीचे करके हाथ में उसका लंड पकड़ा। संजू के बदन में बिजली का झटका लगा। संजू ने भी मुझे कस के झप्पी में लिया और मेरे बालों और पीठ पर हाथ फेरने लगा।

फिर मैंने संजू की पेंट और अंडरवियर को उतार दिया, जो 7 इंच का तना हुआ था, जब वह बैठा हुआ था। संजू भी अपने लिंग की ओर देख रहा था, फिर मेरी ओर देखने लगा। मैं फिर से उसके ऊपर लेट गया और फिर से उसकी टी शर्ट पहनकर निकल गया। संजू पूरी तरह नंगा था।

फिर मैंने अपनी कमीज़ निकाल दी, अपनी सलवार का नाडा खोला और अपनी सलवार भी उतार दी। संजू ने देखा कि यह सब कुछ एक सपना था। उसे लोटरी लगी थी।

मेरी ब्रा में फंसे हुए मेरे बूब्स को देखकर उसकी आँखे खुली हुईं। मैंने संजू का हाथ उसके बूब्स पर पकड़ लिया और फिर से उस पर लेट गया। मैं ब्रा और पेंटी में थी और हर जगह संजू के नंगे शरीर को चूम रही थी। अब संजू मेरे बूब्स के साथ खेलने और चूसने में भी मज़ा लेता था। साथ ही संजू ने मेरी ब्रा भी उतारी।

फिर मैंने बैठकर संजू के पैरों की तरफ मुह करके उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया। संजू जन्नत की सैर कर रहा था, इसलिए यह सब कुछ पहली बार था। संजू ने मेरी चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा और मेरी पेंटी को नीचे खिंच दिया।

मैंने भी उसकी मदद की और मेरी पेंटी उतार दी। अब तुम भी इसे चुसो, मैंने कहा। वह भी मेरी चूत को चाटने और हाथों से दबाने लगा।

मैं अपने होटों से मसलकर उसका लंड जोर से चूस रहा था। संजू का पूरा लंड मेरे गले में जा रहा था। अब वह अपने लंड को मेरे मुंह में धकेलने लगा, उसका शरीर अकड़ने लगा।

मैं भी जोर से उसके लंड की चुसाई करने लगा, जिससे एक पिचकारी मेरे हलक में गिरी और मेरा मुह वीर्य से भर गया। साथ ही मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया, जब मैंने अपनी चूत को संजू के मुह पर दबाया, तो मेरा पूरा पानी संजू के चेहरे पर फैल गया।

मैं संजू के साथ बेड पर लेट गई और हम दोनों निठाल हो गए। यह आपने क्या किया, संजू ने भाभी को बताया जब वह अपने लंड को हाथ में पकड़कर देख रहा था।

मैंने कहा कि मैं कुछ नहीं करता था। तुम भी यह चाहता था। ये बातें अब किसी को नहीं बताना चाहिए।

भाभी, मैं नहीं बताऊंगा।

अब मैं जाऊँ भाभी, वह झिझकते हुए बोली।

मैंने पूछा: क्यों इतनी जल्दी? कुछ और मजा नहीं लेगा।

हाँ, भाभी, संजू ने कहा। आप को देखकर मैं कब से मुठ मारता था।

मैंने कहा कि अब मुठ मारने की जरूरत नहीं होगी।

और फिर मैंने उसको अपने ऊपर लिटा दिया और फिर से एक दूसरे से बदन रगड़ने लगे। दोनों एक दूसरे के मुंह में हाथ डालकर मुंह चूसने लगे। संजू मेरी दोनों टैंगो के बीच बैठ गया और उसका लंड फिर से तन गया। “पडोसी” शब्द

मैंने भी अपनी टंगे खोल दी और संजू के सामने अपनी चूत रख दी। संजू अपना लंड हाथ में पकड़कर मेरी चूत में घुसाने लगा, लेकिन उसे सही जगह नहीं मिल रहा था. मैंने अपने हाथ में संजू का लंड पकड़ा और कहा, देखो, मैं तुम्हें सिखाता हूँ।

और संजू को धक्का मारने के लिए उसका लंड चूत के मुह पर रखा। धीरे-धीरे संजू ने धक्का मारा, और लंड का सुपारा मेरी चूत में घुस गया। फिर संजू ने अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, जब मैं अपनी चूत को ऊपर उठाया।

लेकिन संजू को आधा लंड ही चूत में गया था, इसलिए वह सिर्फ आधे से मुझे चोदने लगा. मैंने उसे पूरा लंड डालने को कहा तो वह कहा कि उसे बहुत दर्द होता है।

संजू का पूरा लंड मेरी चूत में फिसल गया जब मैंने उसको अपने ऊपर लिटा लिया और उसके कमर पर अपने दोनों टाँगे रख दिए। किंतु संजू को इतना दर्द हुआ कि वह लंड निकालने लगा। लेकिन मैंने उसे कुछ देर ऐसे ही लेते रहने को कहा।

थोड़ी देर के बाद संजू ने मुझे पीटा। उसको अभी चोदना नहीं आ रहा था, लेकिन मैंने सब कुछ सिखाने का वादा किया। फिर मैं उसके ऊपर आकर अपनी गांड को ऊपर से नीचे करने लगी।

ऐसा करना मुझे और संजू दोनों को बहुत अच्छा लगा। फिर हम दोनों भिड़ गए और मैं सिर्फ संजू पर गिर पड़ी। संजू का लंड मेरी चूत में से कुछ देर बाद बाहर निकला तो उस पर खून था। संजू की पहली बार करने से शायद ऐसा हुआ था।

फिर संजू ने अपने कपड़े पहने और रात को फिर से मिलने का वादा करके घर चला गया। मैंने भी कपड़े पहने, बेड की चादर को साफ किया और फिर बेड पर लेट गया।